नागार्जुन के कथा समाज में स्त्री-पुरुष, युवक-युवतियां, वर्ण और जातिगत भेद, सम्पन्न-विपन्न तथा पोषण एवं शोषण के ऐसे पारदर्शी चित्र चित्रित मिलते हैं कि जिनके आर-पार देखते हुए समाज की बुनियादी दशाओं को बखूबी टटोला तथा परखा जा सकता है।
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प्रचार सामग्री ” से कार्यक्रम के बारे में कोई भी जीवन संबंधी टिप्पणी, प्रैस विज्ञप्ति, श्रव्य एवं दृश्य सामग्री या फोटोग्राफ तथा कार्यक्रम से संबंधित कोई या सभी कलाकृति यां और पैकेजिंग सामग्री जिसमें पारदर्शी चित्र, पोस्टर, फोटोग्राफ, कथासार आदि शामिल हैं, अभिप्रेत है ।
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साधारणतः हमारी दिनचर्या का एक पारदर्शी चित्र हमारे अचेतन मन पर छप जाता है अथवा हम अपने मन की गहराइयों से जो भी वस्तु या व्यक्ति पाना चाहते हैं और किसी कारणवश उसे प्राप्त नहीं कर पाते तो उन सभी इच्छाओं की संपूर्ति निद्रावस्था में स्वप्न के रूप में हो जाती है।